World Polio Day 2023: क्यों मनाया जाता है Polio Divas Kab Hai, कब मनाया जाता है जोनास साल्क कौन थे, पोलियो के दो प्रकार के टीकों (Vaccines) का आविष्कार कब हुआ था, पोलियो के लक्षण क्या हैं? जानिए इन सभी सवालों के जवाब।
विश्व पोलियो दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य पोलियो जैसी बीमारी के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाना है। यह एक ऐसी बीमारी है जिसने कई देशों को बुरी तरह प्रभावित किया है। वैसे तो दुनिया के ज्यादातर देशों से पोलियो को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है, लेकिन फिर भी दुनिया के कई देशों से इस बीमारी को खत्म नहीं किया जा सका है.
विशेष ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ ने 2012 की शुरुआत में भारत को पोलियो प्रभावित देशों की सूची से हटा दिया। 2014 के बाद इस बीमारी के कोई नए मामले सामने नहीं हैं, इसलिए भारत को आधिकारिक तौर पर पोलियो मुक्त घोषित कर दिया गया।
World Polio Day Kab Hai? | |
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Date | हर साल 24 अक्टूबर को मनाया जाता है। |
विवरण | अक्टूबर में ही जोनास सॉक का जन्म हुआ था, जो वर्ष 1955 में पहली पोलियो वैक्सीन का आविष्कार करने वाली टीम के प्रमुख थे। |
उद्देश्य | इस दिन का मुख्य उद्देश्य पोलियो जैसी बीमारी के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाना है। |
World Polio Day in Hindi Table of Contents

पोलियो क्या है- Polio Kya Hai?
पोलियो या पोलियोमाइलाइटिस, एक अपंग, घातक बीमारी है। यह रोग पोलियो वायरस के कारण होता है।
पोलियो का वायरस मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है और आंतों को प्रभावित करता है। यह वायरस शरीर में प्रवेश करने के कुछ घंटों के भीतर पक्षाघात का कारण बन सकता है। ऐसा भी हो सकता है कि ये लक्षण तीन से पांच दिनों में दिखाई दें।
एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने वाला यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी पर हमला कर सकता है, जिससे लकवा हो सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रयासों और विभिन्न देशों की सरकारों की दृढ़ता से टीकाकरण अभियान ने दुनिया को पोलियो से बचाया। भारत पिछले 2014 से पोलियो मुक्त है। हालांकि, दुनिया के कुछ हिस्सों में विकलांगता के कुछ मामले हैं।
पोलियो के लक्षण- What are the symptoms of polio?
पोलियो रोग में रोगी की स्थिति वायरस की तीव्रता पर निर्भर करती है। ज्यादातर मामलों में पोलियो के लक्षण ‘फ्लू’ जैसे ही होते हैं, लेकिन इसके कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं.
डॉक्टर्स का कहना है कि पोलियो से संक्रमित लगभग 72 प्रतिशत लोगों में किसी भी लक्षण का अनुभव नहीं होता है।
लगभग 25 प्रतिशत संक्रमित लोगों में बुखार, गले में खराश, जी मिचलाना, सिरदर्द, थकान और शरीर में दर्द जैसे लक्षण हैं।
शेष कुछ रोगियों में पोलियो के अधिक गंभीर लक्षण हो सकते हैं, जैसे कि-
पेरेस्टेसिया- हाथों और पैरों में पिन और सुई चुभने जैसा अहसास।
मेनिनजाइटिस – मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के आवरण का संक्रमण।
लकवा – पैर, हाथ को हिलाने-डुलाने और सांस लेने की मांसपेशियों की क्षमता का नुकसान।
पोलियो दिवस क्यों मनाया जाता है- Why is Polio Day celebrated?
पोलियो को कभी एक अत्यंत सामान्य संक्रामक रोग के रूप में जाना जाता था जिसने दुनिया भर में लाखों बच्चों के जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया था।
पोलियो एक संक्रामक रोग है जो पूरे शरीर को प्रभावित करता है। इस बीमारी के शिकार ज्यादातर बच्चे होते हैं। पोलियो को ‘पोलियोमाइलाइटिस’ या ‘बेबी स्ट्रोक’ भी कहा जाता है।
एक अमेरिकी वायरोलॉजिस्ट जोनास साल्क, जिन्होंने पहला सुरक्षित और प्रभावी पोलियो वैक्सीन बनाया था। विकिपीडिया के अनुसार उनका जन्म 28 October 1914, को हुआ था इसलिए यह दिन और भी खास हो जाता है। जिनकी मदद से आज कई लोग सुरक्षित हैं।
12 अप्रैल 1955 को डॉ. जोनास साल्क ने पोलियो रोधी दवा को सुरक्षित घोषित कर दुनिया के सामने पेश किया। एक समय में यह बीमारी पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई थी और डॉ. साल्क ने इसकी रोकथाम की दवा का आविष्कार कर मानव जाति को इस घातक बीमारी से लड़ने का एक हथियार दिया था।

Jonas Salk (जोनास सॉल्क) American virologist
Born: 28 October 1914, New York, United States
Died: 23 June 1995, La Jolla, California, United States
Award: Presidential Medal of Freedom
Education: NYU Grossman School of Medicine (1934–1939)
पोलियो के दो प्रकार के टीके का आविष्कार
दुनिया भर में पोलियो का मुकाबला करने के लिए दो प्रकार के पोलियो टीके का आविष्कार किया गया था।
जोनास साल्क द्वारा विकसित पहला टीका, जिसे पहली बार 1952 में परीक्षण किया गया था और 12 अप्रैल 1955 को प्रमाणित किया गया था, दुनिया भर में उपयोग के लिए प्रस्तुत किया गया था।यह निष्क्रिय या मृत पोलियोवायरस की खुराक थी।
अल्बर्ट सबिन द्वारा तनु यानी कमजोर किए गए पोलियो वायरस का उपयोग करके एक ओरल टीका भी विकसित किया गया था, जिसका परीक्षण वर्ष 1957 में शुरू हुआ था और 1962 में लाइसेंस प्राप्त किया गया था।
दुनिया पहले टीके के विकास में डॉ. साल्क के योगदान को याद करती है। भारत में हर साल 16 मार्च को राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस पहली बार 16 मार्च 1995 को मनाया गया था।
इस दिन, भारत में मुंह के ज़रिए पोलियो वैक्सीन की पहली खुराक वर्ष 1995 में दी गई थी। भारत से पोलियो उन्मूलन अभियान की शुरुआत सरकार द्वारा पल्स पोलियो अभियान के माध्यम से की गई थी।
FAQs- World Polio Day
विश्व पोलियो दिवस क्यों मनाया जाता है?
विश्व पोलियो दिवस का आयोजन रोटरी इंटरनेशनल द्वारा पहले सफल पोलियो वैक्सीन के विकासकर्ता जोनास साल्क के जन्म के उपलक्ष्य में किया जाता है। इस दिन, दुनिया भर के माता-पिता से अपने बच्चों को पोलियो के खिलाफ टीका लगाने का आग्रह किया जाता है।
24 अक्टूबर विश्व पोलियो दिवस क्यों है?
दुनिया के हर कोने से पोलियो टीकाकरण और पोलियो उन्मूलन के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 24 अक्टूबर को विश्व पोलियो दिवस मनाया जाता है। पोलियो उन्मूलन की दिशा में दुनिया द्वारा की गई प्रगति की याद में यह दिन मनाया जाता है।
पोलियो का टीका क्यों महत्वपूर्ण है?
पोलियो एक अत्यधिक संक्रामक रोग है – यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैलता है। पोलियो बहुत खतरनाक हो सकता है और स्थायी विकलांगता – और यहां तक कि मौत भी हो सकती है।